Hindi Kahaniyan: दुनिया के ‘अंत’ का खौफ

Hindi Kahaniyanदुनिया के 'अंत' का खौफ

Hindi Kahaniyan: जानवरों में अचानक दुनिया खत्म होने का डर समा गया। जंगल में अफरा तफरी मच गई। सभी जानवर जान बचाकर भागने लगे। एक जगह से आई यह खबर की दुनिया अब खत्म होने वाली है। इसके बाद जानवरों के बीच अपनी जान बचाने की चुनौती सबसे बड़ी हो गई। पश्चिमी समुद्र के किनारे बहुत से ताड़ के पेड़ लगे हुए थे। वहां बिल्व पेड़ों का एक छोटा-सा जंगल भी था। बोधिसत्व उसी जंगल में पैदा हुए और बड़े हो कर एक बुद्धिमान शेर बने।

वह शेर जंगल का राजा था। सभी जानवर उसका बहुत आदर करते थे। उसी जंगल में एक बिल्व पेड़ के नीचे एक डरपोक खरगोश रहता था। एक दिन जब वह सो रहा था तो पेड़ से एक फल टूट कर उसके ऊपर गिरा। वह चौंक कर उठा और चिल्लाने लगा, “इस दुनिया का अंत होने वाला है।” उसे पूरा यकीन हो गया कि ऐसा ही होने वाला है और वह सिर पर पांव रख कर सरपट भागने लगा।

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दुनिया के अंत होने का खौफ

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उस जंगल में जो दूसरे जानवर रहते थे उन्होंने खरगोश को समुद्र के पास स्थित बड़े पर्वत की ओर भागते हुए देखा, तो उससे भागने का कारण पूछा! खरगोश ने हांफते हुए उनसे कहा, “इस दुनिया का अंत होने वाला है।” और तेजी से भागने लगा। खरगोश की बात सुन कर बाकी जानवर भी डर गए। वे सब भी एक के बाद एक करके उसके पीछे भागने लगे।

खरगोश, हाथी, तेंदुए, हिरण, भालू, दरियाई घोड़े, बैल और यहां तक कि शेर भी उसके पीछे भाग रहे थे। वे जंगल में गरजते हुए दौड़े जा रहे थे। जंगल में चारों अफरा-तफरी मची हुई थी। तरफ बोधिसत्व ने उन्हें भागते हुए देखा और सुना- ‘इस दुनिया का अंत होने वाला है।’ ‘यह क्या बकवास है?’ वह सोचने लगा, ‘इस दुनिया का अंत नहीं हो सकता। मुझे देखना होगा कि यह माजरा क्या है?’

वह तेजी से दौड़ता हुआ भीड़ से आगे निकल गया और पहाड़ पर चढ़ कर सबको देखने लगा। उसने जोर से दहाड़ लगाई, जिसे सुन कर सभी जानवर सहम गए। “धरती का अंत होते हुए किसने देखा है?” उसने गरजते हुए पूछा। सभी जानवरों ने एक-दूसरे की ओर इशारा किया। एक ने कहा कि हाथी ने ऐसा कहा है। हाथी ने कहा कि तेंदुए ने ऐसा कहा है। तेंदुए ने कहा कि बैल ने ऐसा कहा है।

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दुनिया के अंत होने का खौफ

इस प्रकार शेर बारी-बारी से बैल, गाय, भालू, हिरण और लोमड़ी से पूछता गया। अंत में सबने डरपोक खरगोश की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसने सबसे पहले कहा था कि दुनिया का अंत होने जा रहा है। “तुमने क्या देखा? और कहां देखा ?” शेर ने खरगोश से जोरदार आवाज पूछा।”

महाराज। मैं हमेशा की तरह बिल्व पेड़ के नीचे सो रहा था, तभी मैंने धरती के हिलने की आवाज सुनी और उसे सुनते ही मैं भाग खड़ा हुआ” खरगोश ने डरते हुए कहा।”

चलो वहां चल कर देखते हैं कि क्या माजरा है, “शेर ने ऐसा कहकर, खरगोश को अपनी पीठ पर बैठा लिया। सभी जानवर उसके पीछे-पीछे चलने लगे। वे वहां पहुंचे तो उस ओर देखने लगे जहां से खरगोश डर कर भागा था। शेर बिल्व पेड़ के नजदीक गया और उसने देखा कि ताड़ के पत्ते पर बिल्व का एक फल टूट कर गिरा हुआ था। उसे सारी बात समझ में आ गई।

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“यह इसी फल के गिरने की आवाज होगी, जिसे सुनकर खरगोश डर गया, “शेर ने कहा और सब जानवरों को सच्चाई बताई। वह बोला, “डरने की कोई बात नहीं। बेकार की बातों से घबरा कर अपना आपा नहीं खोना चाहिए। ” इसके बाद सब अपने-अपने घरों को वापस लौट गए।

निष्कर्ष (Conclusion)

अगर मन में किसी चीज को करने के लिए सच्ची श्रद्धा हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता। यहां जानवरों द्वारा किया गया कामों से हमें काफी कुछ सीखने को मिलती है।