Hindi Kahaniyan: शक्तिमान हाथी और ‘संगत का असर’

शक्तिमान हाथी और 'संगत का असर'

Hindi Kahaniyan: महाराज रणवीर सिंह का एक प्रिय हाथी था, जो काफी विशालकाय, दयालु और नेक था। सब उसे प्यार से शक्तिमान बुलाते थे। वह अपने अच्छे स्वभाव के लिए जाना जाता था। शक्तिमान अक्सर महाराज के साथ जंगल की सैर पर जाता और नगर से निकलते समय बच्चों को अपनी सूंड से दुलारता। नगरवासियों को भी राजा के इस हाथी से बहुत स्नेह था।

एक रात, हाथी के बाड़े के बाहर लुटेरों का दल एकत्रित हुआ। वे मिल कर भविष्य में कुछ करने की योजनाएं बना रहे थे। उनकी बातचीत में बार-बार चोरी और हत्या जैसे शब्द सुनाई दे रहे थे।

शक्तिमान नहीं जानता था कि दुनिया में अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोग होते हैं। उसे तो यही पता था कि इंसान उसके मालिक हैं और उसे उनकी कही सारी बातों को मानना चाहिए।

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लुटेरे हर रोज उसी जगह मिलने लगे। हाथी रोज उनकी बातें सुनता और उन्हें समझने की कोशिश करता। उनकी बातें फिर भी उसकी समझ से पर थीं। धीरे-धीरे उसके मन में भी बुरे विचार पैदा होने लगे।

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शक्तिमान हाथी और ‘संगत का असर’

कुछ ही समय में शक्तिमान भी दुष्ट और हिंसक हो गया। एक सुबह, शक्तिमान का महावत आया तो उसने उस पर हमला बोल दिया और उसे जान से मार दिया। जल्दी ही यह समाचार सारे नगर में फैल गया कि शक्तिमान ने अपने ही महावत को हत्या कर दी है। नगरवासी सुन कर दंग रह गए। कोई भी यह विश्वास नहीं कर रहा था कि शक्तिमान ऐसा कर सकता है। किंतु जब उन्हें सैनिकों ने बताया तो उन्हें बहुत दुख हुआ।

जल्द यह खबर राजा तक भी पहुंच गई। उन्होंने अपने मंत्री को बुलाया और सारे मामले की छानबीन करने को कहा क्योंकि उन्हें अपनी प्रजा और प्रिय हाथी की बहुत चिंता हो रही थी। मंत्री बुद्धिमान थे, महाराज को उनके विवेक और बुद्धि पर पूरा विश्वास था। उनके बारे में कहा जाता था कि वे सभी जीवों की प्रकृति और स्वभाव के बारे में जानते हैं।

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धीरे-धीरे शक्तिमान के मन में भी बुरे विचार पैदा होने लगे। कुछ ही समय में वह भी दुष्ट और हिंसक हो गया। एक सुबह शक्तिमान का महावत आया तो उसने उस पर हमला बोल दिया और उसे जान से मार दिया।

जल्दी ही यह समाचार सारे नगर में फैल गया कि शक्तिमान ने अपने ही महावत को हत्या कर दी है। नगरवासी सुन कर दंग रह गए। कोई भी यह विश्वास नहीं कर रहा था कि शक्तिमान ऐसा कर सकता है। किंतु जब उन्हें सैनिकों ने बताया तो उन्हें बहुत दुख हुआ।

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शक्तिमान हाथी और ‘संगत का असर’

जल्दी ही यह खबर राजा तक भी पहुंच गई। उन्होंने अपने मंत्री को बुलाया और सारे मामले की छानबीन करने को कहा क्योंकि उन्हें अपनी प्रजा और प्रिय हाथी की बहुत चिंता हो रही थी।

मंत्री बुद्धिमान थे, महाराज को उनके विवेक और बुद्धि पर पूरा विश्वास था। उनके बारे में कहा जाता था कि वे सभी जीवों की प्रकृति और स्वभाव के बारे में जानते हैं।

मंत्री ने बताया कि इस हाथी पर बुरी संगत का असर पड़ा है। महाराज ने मामले की छानबीन की, तो उन्हें लुटेरों के बारे में पता लगा। राजा ने आदेश देकर इन लुटेरों को बंदी बनवा लिया।

इसके बाद राजा ने आदेश दिया कि शक्तिमान को एक विशाल बाड़े में बंद कर दिया जाए। साथ ही यह भी कहा कि उसे किसी भी प्रकार से चोट ना पहुंचाई जाए। उसके सामने सिर्फ अच्छा ही आचरण किया जाए। एक साल तक शक्तिमान ने अपने आस-पास अच्छे आचरण वाले लोगों को देखा, तो उसका भी आचरण बदल गया। वह अब काफी विनम्र बन चुका था।

निष्कर्ष (Conclusion)

ये कहानी हमें संगत के असर के बारे में बताती है। बुरी संगत में कोई भी बुरा बन सकता है, जबकि अच्छी संगत में रहने वाला अच्छा बनता है।