Hindi Kahaniyan: कुत्ते और हाथी का ‘याराना’

Hindi Kahaniyanकुत्ते और हाथी का याराना

Hindi Kahaniyan: बहुत समय पहले की बात है। तक्षशिला राज्य में एक हाथी रहता था। वह राका का प्यारा हाथी था। हाथी की दोस्ती एक आवारा कुत्ते से हो गई, जो बहुत मरियल और दुबला था। वह उसके बाड़े के आसपास ही चक्कर लगाया करता था।

एक दिन उसने देखा कि हाथी को भोजन में चावल खिलाए जा रहे हैं। उसे डर तो लगा लेकिन फिर भी वह हाथी के पास पहुंचकर उसके मुंह से गिरे हुए चावलों को खाने लगा। उसने सोचा, “अरे वाह! यह तो बहुत हो स्वादिष्ट खीर है।”

अब वह रोज हाथी के भोजन के समय की प्रतीक्षा करने लगा। जब भी हाथी को भोजन खिलाया जाता तो उसके मुंह से गिरा हुआ खाना खाकर कुत्ते का पेट भर जाता।

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कुत्ते और हाथी का याराना

अब उस कुत्ते को हाथी से डर नहीं लगता था। हाथी भी उसे कभी चोट नहीं पहुंचा था। जल्दी ही हाथी को भी उस कुत्ते का साथ अच्छा लगने लगा वह उसके आसपास मंडराता रहता और हाथी उसे अपने भोजन में य हिस्सा देता। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती पक्की हो गई।

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हाथी अपने भोजन के समय कुत्ते के आने का इंतजार करता और कुत्ता भी हाथी के भोजन का स्वाद लेने और उसके साथ कुछ समय बिताने के लिए बेचैन रहता।

धीरे-धीरे कुत्ता बड़ा होने लगा और उसके बाल झबरीले हो गए। अब तो दोनों पक्के दोस्त बन गए थे। वे आपस में मौज-मस्ती करते और अपनी भाषा में बातें करते। उनकी यह दोस्ती सभी को हैरान करती। अब वह कुत्ता वहीं, हाथी के बाड़े में ही रहने लगा था।

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एक दिन, दूसरे सोनपुर गांव से एक आदमी आया। उसे वह झबरीला कुत्ता बहुत अच्छा लगा। उसने महावत से कुत्ता खरीद लिया और उसे अपने घर ले गया।

हाथी इंतजार करता रहा, लेकिन उस दिन उसका दोस्त नहीं आया। हाथी अब अकेला हो गया था। वह बहुत उदास रहने लगा। उसने खाना-पीना छोड़ दिया। अब वह नहाने भी नहीं जाता था। सहायक जानते थे कि वह अपने दोस्त को याद करके ऐसा कर रहा है। आखिर यह खबर राजा के पास पहुंच गई। लेकिन वे कुछ कर नहीं सकते थे।

यह जानकर राजा ने एक समझदार मंत्री को पता लगाने भेजा कि हाथी ने खाना-पीना क्यों छोड़ दिया है। मंत्री ने पाया कि हाथी सेहतमंद तो था, लेकिन उसके मन की दशा अच्छी नहीं थी। उसे यह भी पता चला कि हाथी अपने दोस्त के जाने के बाद से उदास रहने लगा था।

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कुत्ते और हाथी का याराना

मंत्री ने राजा को यह बताया और सलाह दी, “महाराज! हमें ऐलान करवा देना चाहिए कि जिस व्यक्ति के पास वह कुत्ता है, वह उसे वापस कर दे, नहीं तो उसे सजा दी जाएगी। मुझे पक्का यकीन है कि तब वह कुत्ते को जरूर वापस ले आएगा।”

पूरे शहर में यह ऐलान कर दिया गया। यह खबर उस गांव में भी गई, जहां वह आदमी कुत्ते को ले गया था। उसने सजा के डर कुत्ते को खुला छोड़ दिया।

कुत्ता बहुत खुश हुआ। वह दौड़कर सीधा अपने दोस्त के पास पहुंच गया। हाथी भी अपने दोस्त को देख बहुत प्रसन्न हुआ। उसने उसे सूंड में उठाया और हवा में लहरा कर नीचे उतार दिया। इसके बाद उन दोनों को कोई भी कभी अलग नहीं कर सका और वे खुशी-खुशी रहने लगे।

निष्कर्ष (Conclusion)

हमें दोस्तों को कभी अलग नहीं करना चाहिए। अगर वह साथ रहेंगे, तो नामुमकिन काम भी कर सकते हैं। अगर वह अलग हुए, तो ऐसे में तिनके को उठाने जैसा काम भी उनके लिए मुश्किल होगा।