Hindi Kahaniyan: सुंदर और मुंदर

Hindi Kahaniyanसुंदर और मुंदर

Hindi Kahaniyan: बहुत समय पहले की बात है, जंगल में एक बूढ़ा नयन हिरण रहता था, जो हजारों हिरणों के झुंड का नेता था। उसके दो बहुत ही खूबसूरत और हृष्ट-पुष्ट बेटे थे। लाल बालों वाले बेटे का नाम सुंदर और सफेद बालों वाले बेटे का नाम मुंदर था। जब नयन हिरण बूढ़ा हो गया तो उसने अपना सारा झुंड अपने दोनों बेटों में बांट दिया और सावधानी से उनकी देखरेख करने को कहा।

बूढ़े हिरण ने कहा, “बेटा! किसी भी दल का नेता बनना बहुत आसान होता है, लेकिन नेता बनने के बाद जिम्मेदारी बढ़ जाती है। तुम्हें पूरी सूझ-बूझ के साथ अपने दल की रखवाली करनी होगी। सभी का उसी तरह पालन करना होगा, जिस तरह कोई पिता अपने बच्चों का ध्यान रखता है।” ये सुनकर दोनों हिरणों ने पिता की बात सुन कर स्वीकृति में अपनी-अपनी गर्दन हिला दी।

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फसल की कटाई के समय, अक्सर हिरणों का झुंड धान के खेतों में जाता था। वहां किसान उन्हें पकड़ने के लिए धरती में गड्ढे बना कर, जाल बिछा देते थे। इस तरह कई हिरण किसानों के हाथों मारे जाते थे। मुखिया हिरण ने अपने हिरणों को फसल की कटाई के दौरान पहाड़ों पर जाने का आदेश दे दिया। सुंदर और मुंदर अपने-अपने हिरणों के झुंड के साथ पहाड़ों की ओर चल दिए।

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मुंदर का स्वभाव थोड़ा चंचल था। वह अपने झुंड को बहुत तेजी से आगे ले जाने लगा। वह किसी भी प्रकार की सावधानी नहीं बरत रहा था। वह दिन-रात चलता रहा। किसान भी जानते थे कि हिरणों के झुंड पहाड़ों की ओर जा रहे हैं इसलिए वे छिप कर उनका इंतजार करते रहे थे। उन्होंने मुंदर के झुंड से हिरणों का शिकार कर लिया।

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किसानों को आसानी से हिरणों का मांस मिला और खाल भी। जब तक मुंदर का झुंड पहाड़ों तक पहुंचा, उनकी संख्या बहुत कम रह गई थी। मुंदर को इस बात की कोई परवाह ही नहीं थी कि उसके दल के हिरणों की संख्या कम क्यों हो रही है।

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सुंदर और मुंदर

वहीं दूसरी ओर, सुंदर एक समझदार हिरण था। वह जानता था कि झुंड का नेता होने के नाते उनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी भी उसकी ही बनती है। वह जानता था कि किसान उनका शिकार करने के लिए आसपास ही छिपे होंगे इसलिए उसका दल गांवों से एक दूरी बना कर चलता और वे केवल रात को ही यात्रा करता। इसलिए उसका पूरा झुंड सही सलामत पहाड़ों तक जा पहुंचा। एक भी हिरण नहीं मारा गया। उन सबने कुछ समय वहीं बिताया।

कुछ समय बाद जब वे पहाड़ों से वापस आने लगे तो मुंदर ने अपने झुंड को बहुत तेजी से चलने का आदेश दिया। उसने अपने पिछले अनुभव से भी कुछ नहीं सीखा था। इसीलिए उसके झुंड के हिरण किसानों के हाथों पकड़े और मारे जाने लगे। अंत में, वह भी एक किसान के जाल में फंस गया, बड़ी मुश्किल से उसने किसी तरह अपनी जान बचाई।

जब वह वापस अपने पिता के पास आया तो बुरी तरह जख्मी था। उसका सारा झुंड खत्म हो चुका था। जल्दी ही उसने भी प्राण त्याग दिए, जबकि दूसरी ओर सुंदर जब वापस आया तो उसके झुंड से एक भी हिरण कम नहीं हुआ था।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस कहानी से हमें सीख लेनी चाहिए कि खुद को मिली जिम्मेदारी का पालन जरूर करना चाहिए। चंचल और लापरवाह स्वभाव सही नहीं होता। बुजुर्गों से मिली सीख हमेशा काम आती है।

Q&A

Q. बूढ़े हिरण का नाम क्या था?
Ans. बूढ़े हिरण का नाम नयन था।

Q. नयन हिरण के दोनों बच्चों का नाम क्या था?
Ans. नयन हिरण के दो बच्चों का नाम सुंदर और मुंदर था।

Q. बूढ़े हिरण ने अपने बच्चों को किस चीज की जिम्मेदारी सौंपी थी?
Ans. बूढ़े हिरण ने अपने अंतिम समय के वक्त दोनों बच्चों को अपने झुंड की जिम्मेदारी सौंपी थी।

Q. सुंदर और मुंदर में कौन-सा हिरण सबसे समझदार था?
Ans. दोनों भाईयों में सबसे समझदार सुंदर हिरण था।

Q. किस हिरण के झुंड का कोई भी सदस्य किसानों के हाथ नहीं आया था?
Ans. सुंदर के झुंड का कोई भी सदस्य किसान के हाथ नहीं लग सका था।