लोक नायक जयप्रकाश नारायण पर निबंध | Essay On Loknayak Jayprakash Narayan

Essay On Loknayak Jayprakash Narayanलोक नायक जयप्रकाश नारायण पर निबंध

Essay On Loknayak Jayprakash Narayan: जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) दल के दलदल से ऊपर उठे हुए व्यक्ति थे। सत्ता (Power) के साथ उनकी कोई साझेदारी (Partnerships) नहीं थी। संघर्ष ही उनका जीवन (struggle is their life) था। महान क्रान्तिकारी (great revolutionary) थे। वर्ग और विवाद (class and controversy) से परे थे।

भारतीय इतिहास (indian history) में लोक नायक जयप्रकाश नारायण का बड़ा अनूप चरित्र (Anup Charitra) है। ना सत्ता की भूख ना पद का लोभ, देश भक्ति और त्याग (patriotism and sacrifice) उनका जीवन था। मानवीय मूल्यों को जीवित (living values) रखने के लिए वे सतत प्रयत्नशील रहे।

(Essay On Loknayak Jayprakash Narayan)
लोक नायक जयप्रकाश नारायण (Loknayak Jayprakash Narayan’s Birth)

बाबू जयप्रकाश नारायण 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के छपरा जिले के सिताबदियारा गांव में पैदा हुए थे । 5 वर्ष की अवस्था में उनकी प्रारम्भिक शिक्षा प्रारम्भ हुई। वे स्वभाव से बुद्धिमान थे, पढ़ने-लिखने में चतुर थे। उच्च शिक्षा के लिए वे पटना भेजे गए। 1906 में उन्होंने एन्ट्रेन्स की परीक्षा पास की। इस समय देश में स्वतन्त्रता आन्दोलन का श्रीगणेश हो गया था तथा प्रकाश बाबू को स्वतन्त्रता भूख सताने लगी थी।

Essay On Loknayak Jayprakash Narayan
लोक नायक जयप्रकाश नारायण पर निबंध

लोक नायक जयप्रकाश नारायण की शादी (Loknayak Jayprakash Narayan’s marriage)

18 वर्ष की अवस्था में उनका विवाह प्रभावती देवी के साथ हुआ, विवाह कि बाद वे पटना कालेज में पढ़ने गए। उसी समय जलियांवाले बाग में लोमहर्षक हत्याकाण्ड हुआ, उस समय वे इण्टर में थे। उन्होंने उस समय यह निर्णय लिया कि वे अंग्रेजों के कॉलेज में नहीं पढ़ेंगे।

बिहार विद्यापीठ में भर्ती हो गए तथा 1922 में उच्च शिक्षा हेतु अमेरिका चले गए। पहले वह कैलिफोर्निया विद्यालय में भर्ती हुए। पर, खर्चा बढ़ जाने से आमोवा विश्वविद्यालय में पढ़ने लगे तथा वहां उन्होंने ए ग्रेड में पास किया।

इस समय काम करके उन्होंने शिक्षा हासिल की थी। वहां रहकर उन्होंने साम्यवादी साहित्य का अध्ययन किया। इसी समय मां की बीमारी का समाचार पाकर वे देश लौट आए। एमए पास हुए तथा मार्क्सवादी दर्शन के पण्डित बनकर आए।

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इस समय देश में स्वतन्त्रता आन्दोलन का जोर था। प्रभावती गांधी के साथ देश अलख जगा रही थीं। जयप्रकाश गांधीजी से मिले, गांधीजी उनसे खूब प्रभावित हुए और वो कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी बन गए।

डांडी यात्रा के समय मां के आग्रह पर घर में थे, पर ये शीघ्र पटना लौट गए। इसी समय मां का देहावसान हुआ और पिता को लकवा मार गया। इसके बाद भी अविचलित भाव से देश सेवा में जुटे रहे 1932 में वे कांग्रेस के महामन्त्री थे, तथा गुप्तरूप से स्वातन्त्रता आन्दोलन का संचालन करते रहे पर वे भी शीघ्र ही गिरफ्तार हो गए।

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लोक नायक जयप्रकाश नारायण पर निबंध

समाजवादी पार्टी की स्थापना (Establishment of Samajwadi Party)

1934 में जयप्रकाश ने अपने साथियों के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी की स्थापना की 1937 में देश में निर्मित कांग्रेस मन्त्रिमण्डल का उन्होंने विरोध किया और गिरफ्तार भी हुए।

1940 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय लड़ाई का विरोध करके भी गिरफ्तार हुए थे। 1942 में वे जेल की दीवार कूदकर भाग गए। 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन के वे प्रमुख नेता थे। क्योंकि बड़े नेता सब जेल के भीतर थे।

1946 में निरन्तर संघर्ष के बाद जेल से छूटे। देश के विभाजन के प्रश्न पर वे कांग्रेस पार्टी से अलग हो गए तथा अलग से समाजवादी दल की स्थापना की।

जयप्रकाश नारायण स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद विनोबा जी से प्रभावित होकर ग्रामदान और भूदान आन्दोलनों से जुड़ गए। 1953 के मन्त्रिमण्डल में उन्हें शामिल किया गया पर उन्हें तो पदमोह था ही नहीं। 1954 में वे दलगत राजनीति से अलग हो गए और राजनीतिक संन्यास ले लिया। 1966 के बिहार अकाल के समय उन्होंने जनता की भरपूर सेवा की। 1970 में गांवों में घूम-घूमकर रचनात्मक कार्य करते रहे। 1972 में चम्बल घाटी के डाकुओं का मानसिक परिवर्तन कर आत्म समर्पण का उन्होंने ऐतिहासिक काम कराया।

15 सितंबर 1973 को प्रभावती देवी का देहावसान हुआ। 1972 लोकतन्त्र की दुर्दशा देखकर युवकों के प्रति उन्होंने एक अपील निकाली तथा उन्हें इस ओर प्रेरित किया। 1974 के छात्र आन्दोलनों का प्रतिनिधित्व किया। विधानसभा भंग हुई, बिहार में आन्दोलन चलता रहा तथा वे भ्रष्टाचार, कुशासन, चोर बाजारी और मुनाफाखोरी के खिलाफ लोगों को संगठित करते रहे।

सच्चे लोकतन्त्र का आव्हान करने के कारण वे लोकनायक माने जाने लगे। 4 नवम्बर 1974 को पटना में लाठी चार्ज के समय वे भी आघातीत हुए थे।

6 मार्च 1975 को दिल्ली के विशाल जन प्रदर्शन का प्रकाश बाबू ने प्रति- निधित्व किया था। उसी समय लोक शिक्षण सप्ताह मनाया गया था। उसी समय आपातकाल की घोषणा हुई तथा बाबू जयप्रकाश गिरफ्तार कर लिए गए। इस समय वे काफी अस्वस्थ रहे पर ईश्वर की कृपा से गुर्दा खोकर भी ठीक हो गए।

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लोक नायक जयप्रकाश नारायण पर निबंध

आपातकाल में ही चुनाव हुए, विरोधी दलों को संगठित कर उन्होंने जनता पार्टी का संगठन किया । कांग्रेस परास्त हुई । 28 मार्च 1977 को उन्होंने महात्मा गांधी के अधूरे कार्य पूरे करने की संसद सदस्यों को शपथ दिलावई 8 अक्टूबर
1979 को जयप्रकाश बाबू का देहावसान हो गया।

रचनात्मक क्रांति के अग्रदूत और स्वतन्त्रता संग्राम के सेनानी इस संसार में नहीं रहे। महात्मा गांधी के बाद वे ही निक्तिक चरित्र के महान पुरुष हैं। वे पवित्र विचार के व्यक्ति थे। महत्वाकांक्षा उनमें थी ही नहीं, देश सेवा उनके जीवन की साधना थी।

जयप्रकाश नवीन भारत का निर्माण चाहते थे। लोकतन्त्र को सदृढ़ बनाना चाहते थे। नैतिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक उन्नयन चाहते थे। गाँधीवादी भारत उनका लक्ष्य था। जन शक्ति पर उनकी आस्था थी। उनका विश्वास था कि देश गाँधीवादी विचारों से हट गया, परिणाम में अन्धविश्वास और गलत मूल्य समाज व्यापी हो गए।

जयप्रकाश हरिजनों और आदिवासियों को मिली प्रशासकीय सुविधा के विरोधी थे, वे तो लोगों का मन बदलकर मनुष्य समाज को एक भूमि पर देखता चाहते थे। शासकीय सुविधा ने हरिजनों और आदिवासियों के प्रति उच्च जाति के जीवन में घृणा और ईर्ष्या को जन्म दिया है। वे अहिंसक, आर्थिक और सामाजिक क्रांति चाहते थे। उनका वर्ग संघर्ष अहिंसा और सत्य पर आधारित था ।

जातिवाद और कुरीतियों को वे समाज से दूर करना चाहते थे। शिक्षा के क्षेत्र में आमूल परिवर्तन चाहते थे, कृषि की उन्नति के समर्थक थे। वे तानाशाही के विरोधी थे। सत्ता का विकेन्द्रीकरण चाहते थे, सत्ता शक्ति पर लोक शक्ति के नियन्त्रण के पक्षपाती थे। वे विचारवान थे। परिवर्तन वादी थे।

जयप्रकाश नारायण सादगी और सरलता के अवतार थे। शोषित और दलितों में प्राण प्रतिष्ठा चाहते थे । उनका अपना मार्ग था। किसी के पीछे चलने के आदी नहीं थे, उनमें राजनीतिक नैतिकता थी। सर्वोदय उनका लक्ष्य था। तभी तो वे लोकनायक हुए।

FAQ

Q. जयप्रकाश नारायण कौन थे?

Ans. जयप्रकाश नारायण दल के दलदल से ऊपर उठे हुए व्यक्ति थे ।।

Q. जयप्रकाश नारायण का जन्म कब हुआ था?

Ans. जयप्रकाश नारायण 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के छपरा जिले के सिताबदियारा गाँव में पैदा हुए थे ।

Q. जयप्रकाश नारायण की शादी किससे हुई?

Ans. 18 वर्ष की अवस्था में उनका विवाह प्रभावती देवी के साथ हुआ।

Q. समाजवादी पार्टी की स्थापना कब और किनके साथ मिलकर की गई?

Ans. 1934 में जयप्रकाश ने अपने साथियों के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी की स्थापना की।