इन्दिरा गांधी पर निबंध | Essay on Indira Gandhi

Essay on Indira Gandhi: श्रीमती इन्दिरा गांधी, पंण्डित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती बेटी थीं। उन्हें वहीं से एक उन्नत और स्वस्थ वातावरण मिला था। उसी वातावरण में अनजान उनका निर्माण होता गया। उन्हें बचपन से ही बड़े लोगों का सम्पर्क मिला। जिनमें मोतीलाल नेहरू, महात्मागांधी, पण्डित विजयलक्ष्मी, पंडित कमला नेहरू और मदन मोहन मानवीय प्रमुख हैं। ऐसे महान लोगों के हाथ जिसके सिर पर हों। उनके भाग्य के विषय में क्या कहा जाए। वे भाग्य शालिनी थीं। उसी का परिणाम था कि वह लंबे समय तक भारत की प्रधानमन्त्री भी रहीं।

(Essay on Indira Gandhi)
इन्दिरा गांधी का जन्म (Indira Gandhi’s Birth)

इन्दिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। इन्दिरा गांधी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था। जवाहरलाल की पुत्री और मोतीलाल का पौत्री होने के कारण उनका लालन पालन और पढ़ाई-लिखाई उच्च स्तर पर हुई।

इन्दिरा गांधी ने दीर्घ काल तक पिता के साथ रहकर विश्व भ्रमण किया तथा साहित्य, संस्कृति और इतिहास का ज्ञान प्राप्त किया। वे एक विकसित विचार वाली सुसंस्कृत महिला थीं।

Indira Gandhi
इन्दिरा गांधी

इन्दिरा गांधी की हत्या (Essay on Indira Gandhi)

26 मार्च, 1942 को इन्दिरा गांधी की शादी फिरोज़ गांधी से हुई। 1955 में श्रीमती इन्दिरा गांधी कॉन्ग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनी। 31 अक्तूबर 1984 इन्दिरा गांधी की मृत्यु हो गई थी। इंदिरा गांधी को उनके दो सिख सुरक्षाकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

असमय श्रीमति कमला नेहरू के चल बसने के कारण वो शीघ्र ही मात्रुस्नेह से वंचित हो गई थीं। पर, पिता ने ही दोनों स्थानों पर रहकर उनका निर्माण किया। वे पिता की अत्यन्त लाड़ली बेटी रही थी। पिता के साथ विश्व भर में भ्रमण करती रही थी। हर देश की संस्कृति, यता और राजनीतिक कूटनीति से परिचित है। उनकी अन्तर्राष्ट्रीय सफलता का यही एकमात्र कारण था।

बेहद लोकप्रिय महिला थीं इन्दिरा गांधी

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जितनी अन्तर्राष्ट्रीय कीति अर्जित की। उससे कहीं अधिक श्रीमती इन्दिरा गांधी को मिली थी। वे विश्व में एक अत्यन्त लोकप्रिय महिला बनी। जो स्थान इजराइल में गोल्डा मायर का था। लंका में भण्डार नायके का था। वही स्थान भारत में श्रीमती गांधी का था।

इसी श्रेणी में इंगलैण्ड की प्रधानमन्त्री मार्गरेट फेचर भी आती थी। इनमें भी इंदिरा गांधी का नाम सर्वोच्च था। वे भारत जैसे एक विशाल देश की प्रधान मन्त्री थीं। जो विस्तार में यूरोप से भी आगे है।

Indira Gandhi
इन्दिरा गांधी

भारत अनेक धर्म, विचार, सम्प्रदाय और जाति भाषाओं का देश है। इन्दिरा गांधी सबको समेट कर चलती थीं। यह उनकी लोकप्रियता का एक महान कारण था। जाति, भाषा, धर्म, सम्प्रदाय से बहुत ऊपर उठी हुई थीं। विभिन्न प्रकार के विचारों में भी उनके पास विचित्र समायोजन की शक्ति थी।

श्री मोरारजी देसाई और चरण सिंह भी देश के प्रधानमन्त्री रहे पर वे भी उनकी संगठन शक्ति के कायल थे। विश्व के शक्तिशाली देश भी समस्या मूलक क्षेणों में एक बार श्रीमती इन्दिरा गांधी की ओर देसे बिना नहीं रहते। यह श्रीमती इन्दिरा गांधी की देश सेवा का ही फल था। उन्होंने देश को बनाने में कठोर श्रम किया था।

कांग्रेस संगठन में बड़ी मजबूती

सन 1954 में श्रीमती गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया तथा बड़ी निष्ठा से काम किया। उससे कांग्रेस संगठन में बड़ी मजबूती आई। सन् 1921 में उन्होंने अपनी कूटनीतिक चाल से केरल की गैर कांग्रेसी सरकार को पलट दिया था। जनतन्त्र में इस प्रयोग की सफलता से उनका आत्मविश्वास बढ़ा। दलीय संगठन को उन्होंने मजबूत किया तथा अपने अनुयायी भी तैयार किए।

सन 1960 में उनके पति फिरोज गांधी का देहावसान हो गया। इससे घरु कर्तव्यों से मुक्त हो गई तथा सारा समय देश सेवा में लगाने लगीं। चीन के प्रति इंदिरा गांधी शुरू से चिंतित थीं। पर, पंडित नेहरू उसे मित्र राष्ट्र मानते रहे। इन्दिरा की दूरदर्शिता आगे चलकर सत्य को छू सकी। इसी समय पंडित नेहरू का देहावसान हुआ। 1964 में पिता की मृत्यु के बाद ये दो बच्चों को लेकर अकेली पर गई थी।

Indira Gandhi
इन्दिरा गांधी

पर वे निराशा के कारण कर्तव्य विमुख नहीं हुई बल्कि और दृढ़ता के साथ कर्म तत्पर हुई। लाल बहादुर शास्त्री के प्रधान मन्त्रित्व काल में वे सूचना प्रसारण मन्त्री रहीं थी। इस पद का भी उन्होंने बड़ी कुशलता के साथ निर्वाह किया, डेढ़ वर्ष बाद ही शास्त्री जी का देहान्त हुआ और प्रधानमन्त्री का पद रिक्त हो गया, थोड़े समय के लिए देश में राजनीतिक शून्यता उत्पन्न हो गयी थी, इस समय दिल्ली में सभी प्रान्तों के मुख्य मन्त्री बुलाए गए, इस समय मोरारजी देसाई, इंदिरा के विरोध थे, उन्हें इन्दिरा गांधी ने बहुत बड़े बहुमत से पराजित किया तथा वे देश प्रथम महिला प्रधानमन्त्री बनी थी।

जीवन काल की महान उपलब्धियाँ

श्रीमती इन्दिरा गांधी ने अपने जीवन काल में अनेक महत्त्वपूर्ण काम किए थे, सबसे पहले उन्होंने कांग्रेस का विभाजन कर उसे संगठित किया सिडिकेट को अलग किया। प्रिवीपर्स की समाप्ति और बैंकों का राष्ट्रीयकरण, ये दो का उनके जीवन काल की महान उपलब्धियाँ थीं।

बांग्लादेश के युद्ध ने उन्हें विश्व खूब ऊपर उठाया, उतनी ऊंचाइयों तक स्वयं पंडित नेहरू भी नहीं पहुंच सके थे उनके इन महत्वपूर्ण कामों से प्रमाणित हो गया कि देश की नौका को मंझधा से इन्दिरा गांधी ही निकाल सकती थीं।

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सन् 1974 के बाद देश समस्याओं में डूब गया, 75 में आपातकाल लागू किया गया। इस समय श्रीमती गांधी की लोकप्रियता कुछ घटी प्रेस सेंसरशिप, मीसा गिरफ्तारियों ने उन्हें काफी अलोक प्रिय बनाया, नसबन्दी कार्यक्रम भी उन अप्रतिष्ठा का कारण बना था।

1977 के चुनाव में इन्दिरा कांग्रेस समूचे उत्तर भारत मैं हार गई। उनके विरोध में जनता पार्टी आई, पर वह लोकप्रिय नहीं बन सकी, खिचड़ी पार्टी थी, सबकी अलग-अलग खिचड़ी पकने लगी थी। उसे बचाने की कोशिश की गई पर बच न सकी, चरणसिंह इन्दिरा गांधी की चाल में आ गए, वे प्रधान- मन्त्री तो बन गए पर जनता पार्टी की नाव डूब गई।

चरणसिंह सरकार का पतन हुआ और इन्दिरा गांधी पुनः प्रधानमन्त्री के आसन पर विराजित हुई, उन्होंने नेपोलियन बोनापार्ट के इतिहास को दुहराया। श्रीमती गांधी ने पुनः अपनी होई लोकप्रियता प्राप्त कर ली थी।