Hindi Kahaniyan: झुंड के उस अनुभवी हिरण का नाम मरीचि था। वह बूढ़ा जरूर हो गया था, लेकिन आज भी उसके शरीर के रोओं में सोने सी चमक थी। जो भी दूर से उसे देखता, उसे लगता मानो सोने का हिरण उसकी आंखों के सामने खड़ा है। जब तक वह झुंड का मुखिया रहा, किसी को कोई चिंता नहीं थी। झुंड की जिम्मेदारी दूसरों को देकर अपने लिए उसने काम चुना किशोर और युवा हिरणों को प्रशिक्षित करना ताकि विपत्ति आने पर उससे खुद को बचाया जाए सके।
एक दिन एक बच्चे ने पूछा, “कब किस तरीके को अपनाया जाए, यह आपने बताया नहीं। “मरीचि ने मुस्करा कर जवाब दिया, “यह तो तुम लोगों को सोचना है। शिष्य को भी तो अपनी बुद्धि लगानी होती है कि कहां तलवार का उपयोग करना है और कहां सूई का। सभी को बूढ़े हिरण की बात समझ में आ गई। एक दिन परीक्षा का समय हो गया। एक नन्हा हिरण अपने साथियों के साथ खेलता हुआ गांव की सीमा के पास पहुंचा और गांववालों के बिछाए जाल में फंस गया। उसके साथी जंगल में पहुंचे। उन्होंने बूढ़े हिरण को सारी बात बताई और कहा कि वे फंदे में फंसे नन्हे हिरण की मदद करें।

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मरीचि ने चुप रहकर सारी बातें सुनीं और उन्हें समझाया, “चिंता न करो। वह मेरा बहुत होनहार छात्र है। उसने वे सब उपाय सीखे हुए हैं, जिन्हें प्रयोग में ला कर वह अपनी रक्षा कर सकता है। मुझे पूरा यकीन है कि वह जाल से बाहर आने का कोई न कोई उपाय जरूर ढूंढ लेगा। गुरू अपने शिष्य को भलीभांति जानता है। वह समझता है कि उसमें क्या कमियां हैं और कौन-सी विशेषताएं। मरीचि को अपने शिष्य पर पूरा विश्वास था।
इधर जंगल में जाल में फंसा हिरण सोच रहा था कि उसे अब क्या करना चाहिए। उसे उसके गुरु ने बचाव की सारी तकनीकें सिखाई थीं। उसने तय किया कि वह खुद को बचाने के लिए मरे हुए हिरण वाली तकनीक अपनाएगा। उसने खुद को इसके लिए तैयार कर लिया। पहले उसने अपने खुरों से जमीन को खोदा ताकि ऐसा लगे कि वह मरने से पहले छटपटाया था। फिर उसने अपने शरीर को अपने ही मल-मूत्र में लपेट लिया ताकि लगे कि वह बहुत दर्द सहने के बाद मरा है।

ज्यों ही उस पर धूल लगी और शरीर से बदबू निकलने लगी, तो मक्खियां भी उस पर भिनकने लगीं। थोड़ी देर बाद जाल के आसपास पक्षी भी मंडराने लगे थे। फिर उसने अपनी टांगें अकड़ाई, आंखें पलटीं और जीभ बाहर की ओर लटका ली। अंत में, उसने अपने पेट में हवा भर ली, वह सांस रोक कर लेट गया, वह अपने केवल एक नथुने से सांस ले रहा था।
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जब सुबह के समय शिकारी आया तो उसे लगा कि हिरण को मरे हुए बहुत समय बीत गया है, इसलिए अब उसे खाया नहीं जा सकता। उसने तय किया कि वह हिरण की खाल उतार कर उसे बेच देगा। उसने हिरण की खाल उतारने के लिए जगह बनाई और उसका जाल खोल दिया। मौका मिलते ही, एक ही झटके में, हिरण का वह बच्चा उठा और तेजी से भागते हुए जंगल में निकल गया। शिकारी हैरानी से देखता ही रह गया। हिरण के बच्चे को सामने देख कर उसके गुरु मुस्कराने लगे। उन्हें अपने होनहार छात्र पर गर्व था ।
निष्कर्ष (Conclusion)
किसी अविश्वसनीय दोस्त के साथ रहने का मतलब है कि आप षड्यंत्र का शिकार हो सकते हैं। स्थिति और भी बदतर होती है, जब आप यह नहीं समझते कि उनके द्वारा कहे गए शब्द या क्रियाएं हानिकारक हैं।