समाचार-पत्र के महत्व पर निबंध | Importance of Newspaper Essay

Importance of Newspaper Essayसमाचार-पत्र के महत्व पर निबंध

Importance of Newspaper Essay: मनुष्य, स्वभाव से जिज्ञासु (curious by nature) होता है, वह नई-नई बातों को जानकर अपना ज्ञान बढ़ाता है। वह चाहता है कि विश्व के कोने में क्या हो रहा है, इसकी जान कारी उसे प्राप्त होती रहे । व्यापारी, वस्तुओं की दर, (rate of goods) साहित्यकार नवीन साहित्य (literary new literature), तथा राजनीतिक संसार (political world) में होने वाले राजनीतिक उथल पुथल के विषय में जानना चाहता है संसार एक रंगमंच है, वहाँ रोज नवीन दृश्य और घटनाएं घटित हो रही है।

बाज विश्व अव्यवस्था और समस्याओं के भीतर से गुजर रहा है। चारों ओर राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हो रहा है, पुरानी व्यवस्थाएं टूट रही है। नवीन व्यवस्थाएं स्थापित होती जा रही हैं। इन अब बातों की जानकारी का एक मात्र साधन समाचार पत्र है, वह हमारे मन की हर प्रकार की जिज्ञासा का शान्त करता है। मनुष्य, स्वभाव से जिज्ञासु होता है, वह नई-नई बातों को जानकर अपना ज्ञान बढ़ाता है। वह चाहता है कि विश्व के कोने में क्या हो रहा है, इसकी जान कारी उसे प्राप्त होती रहे।

समाचार-पत्र का महत्व
Importance of Newspaper Essay

व्यापारी, वस्तुओं की दर, साहित्यकार नवीन साहित्य, तथा राजनीतिक संसार में होने वाले राजनीतिक उथल पुथल के विषय में जानना चाहता है संसार एक रंगमंच है, वहाँ रोज नवीन दृश्य और घटनाएं घटित हो रही है। बाज विश्व अव्यवस्था और समस्याओं के भीतर से गुजर रहा है। चारों ओर राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हो रहा है, पुरानी व्यवस्थाएं टूट रही है। नवीन व्यवस्थाएं स्थापित होती जा रही हैं। इन अब बातों की जानकारी का एक मात्र साधन समाचार पत्र है, वह हमारे मन की हर प्रकार की जिज्ञासा का शान्त करता है।

समाचार पत्र का सामान्य इतिहास (Importance of Newspaper Essay)

समाचार पत्र को आधा लोकतन्त्र कहते हैं। वह लोकतन्त्रात्मक शासन प्रणाली का आधार स्तम्भ होता है तथा शासक और शासित के बीच महत्व हा काम करता है । समाचार पत्र जनता का एक महान शस्त्र है। वह राष्ट्रों को नवीन विचार देकर जागृत करता है। देशों के अभ्युदय में उसका बड़ा हाथ होता है। विकासशील देशों के लिए तो वह एकता और संगठन का अमोध शस्त्र है। जब समाचार पत्रों का प्रचलन नहीं हुआ था, अपने से २०-२५ मील पर क्या हो रहा है? हम नहीं जन पाते थे। आज समाचार पत्रों के कारण देश में विश्व के कौने-२ की खबरें हमें सुबह होते-होते मालूम हो जाती हैं। समाचार पत्रों ने मनुष्य मनुष्य के बीच दूरी कम कर दी है, समय और अर्थ की भी बचत हुई है। यदि इंग्लैण्ड या अमेरिका में कोई घटना घटती है तो हमें उसकी जानकारी कुछ ही घण्टों के बाद मिल जाती है। सचमुच में समाचार पत्र विश्व मानवता को एक सूत्र में गिराता है।

लगभग 300 सौ वर्ष पहले समाचार पत्रों को जन्म नहीं मिला था। लोग एक-दूसरे के मुँह से खबरें सुनते थे। 16वीं शताब्दी में इटली के वेनिस नगर में सर्वप्रथम समाचार पत्र को जन्म मिला था। 17वीं शताब्दी में इंग्लैण्ड में समाचार पत्र लोकप्रिय हुआ । 18वीं शताब्दी में सम्पूर्ण भारत समाचार पत्रों का अंग्रेजों के द्वारा प्रचार हुआ । ईसाई मिशनरी ने भारत में हिन्दू जनता को ईसाई धर्म की ओर आकर्षित करने के लिए ‘समाचार दर्पण’ पत्र निकाला। उसके द्वारा वह ईसाई धर्म का प्रचार सारे भारत में करती रही, उसके विरोध में राजा राममोहन राम ने ‘कौमुदी’ नामक पत्र निकाला था, जो ब्रह्म समाज का मुख्य पत्र था।

ईश्वरचन्द्र विद्यासागर ने ‘प्रभात’ पत्र निकाला था। फिर तो अनेक भाषाओं में अनेक समाचार पत्र निकलने लगे । उन्नीसवीं शताब्दी में नाना प्रकार के स्तम्भों से सुशोभित समाचार पत्र निकलने लगे। उनमें सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, समाचार लेख, विविध कहानियाँ आदि छपने लगीं। बहुविध सामग्री लेकर वे समाज के सामने उपस्थित हुए।

समाचार-पत्र का महत्व
Importance of Newspaper Essay

मुद्रणकला का विकास और समाचार पत्र

मुद्रण कला के विकास के साथ ही साथ समाचार पत्रों का भी निरन्तर विकास होता चला गया। आज मुद्रण व्यवसाय अपने मध्यान्ह पर है। अनेक प्रकार के समाचार पत्र निकल रहे हैं- दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक आदि । आज समाचार पत्र प्रकाशन को लोगों ने व्यवसाय के रूप में ग्रहण किया है। इसमें कीमती मशीन के साथ मशीन मैन, कम्पोजीटर, सम्पादक और सम्बाद- दाताओं की आवश्यकता होती हैं। अच्छे संवाद ही समाचार पत्र के प्राण होते हैं। सम्बाद संसदों और विधान सभाओं में भी मिलते हैं और सड़क के चौराहों पर भी । ये सारी खबरें समाचार पत्रों में छपती हैं। समाचार पत्रों को द्रुतगति वाले वाहनों से दूर-दूर भेजा जाता है। इस प्रकार खबरें दूर-दूर तक समाचार पत्रों के द्वारा फैलती हैं ।

व्यापारिक उन्नति में समाचार पत्रों का बड़ा हाथ है। उसमें व्यापारी अपने हाल को बेचने के लिए विज्ञापन देते हैं, दूसरे का माल खरीदने के लिए विज्ञापन से लाभ उठाते है। समाचार पत्रों से यह मालूम हो जाता है कि अमुक वस्तु कहाँ मिलेगी, उसमें वस्तुओं के बाजार भाव भी छपते रहते हैं। जिन्हें जानकर मनुष हानियों से बचता है। लोग विज्ञापन के द्वारा घर बैठे लाखों का लेन-देन करते हैं।

समाचार पत्रों से लाभ-हानि

समाचार पत्रों में नौकरी के विज्ञापन छपते हैं। उन्हें देखकर बेरोजगार अपने सायक रोजगार बूंढ सकते हैं । विवाह विज्ञापन भी समाचार पत्रों में छपते हैं। कर 1 कन्या वालों को समाचार पत्रों के द्वारा वर और कन्या की जानकारी मिलती है। है आपस में सम्बन्ध स्थापित कर विवाह कार्य सम्पन्न करते हैं। कभी-कभी बच्चे क घर से भाग जाते हैं; समाचार पत्रों में उनका हुलिया छापा जाता है तथा पुलिस को सहायता से खोये बच्चे माता पिता को पुनः प्राप्त हो जाते हैं। समाचार पत्रों में छात्रों के परीक्षाफल छपते हैं जून के अन्तिम सप्ताह तक समाचार पत्रों की बिक्री जाती है । कभी-कभी तो माँग को देखकर अलग बुलेटिन छापी जाती हैं।

पिछड़ी जातियों को समाचार पत्रों ने ऊपर उठाने का काम किया है समाचार पत्रों को पढ़कर उनमें जागरण आया है तथा अपने अधिकार को पाने के लिए उन्होंने लड़ाई की है। समाचार, सामाजिक अनैतिकता, राजनैतिक भ्रष्टाचार, धार्मिक लूट का भण्डाफोड़ करते हैं, परिणाम में समाज अनैतिकता, भ्रष्टाचार और धार्मिक लूट से बचता है । वे राष्ट्रीय चेतना को ऊपर उठाने वाले सजग साधन है। ये एक प्रकार से देश के प्रहरी हैं। देश को यदि किसी प्रकार का खतरा हो तो समाचार पत्र प्रशासन को सचेत कर देते हैं ताकि रक्षा का उपाय पहिले से कर लिया जाए तथा देश पर कोई खतरा न आए। हमें जो आजादी मिली, हमने संगठित होकर विदेशी सत्ता से लोहा लिया। उसके पीछे भी हमारे समाचार पत्र ही रहे वे क्रान्ति की आग को समाजव्यापी बनाते रहे ।

समाचार-पत्र का महत्व
Importance of Newspaper Essay

समाचार पत्र हमारे लिए निर्विवाद रूप से लाभदायक हैं पर उनसे कुछ हानियों भी हैं। कभी-कभी समाचार पत्र निष्पक्ष न होकर पक्षपात से प्रेरित होकर काम करते हैं। उससे समग्र मानवता को लाभ नहीं मिल पाता । विद्वेषमूलक विचारों के प्रचार प्रसार से समाज में राजनैतिक दल, गृट्ट आदि बनते हैं । जिनसे सामाजिक संघर्ष के साथ अशान्ति को जन्म मिलता है। उससे आपस में घृणा, अराजकता अव्यवस्था, मारकाट आदि दुष्प्रवृत्तियाँ समाज में फैलती है। समाचार पत्र, देश-देश के भीतर शत्रुता पैदाकर दो देशों को लड़ाकर विश्व जीवन में अशान्ति उत्पन्न करते हैं । गन्दे और समाचार छापकर से समाचार पत्र समाज अनैतिकता और दुराचरण का प्रचार करते हैं। उससे समाज में विघटन होता है ।। लोगों का आत्मिक और मानसिक ह्रास होता है, तथा मनोबल भी गिरता है । कभी-कभी समाचार पत्र झूठी खबरें छाप कर समाज में अफवाह फैलाते हैं। उससे शंका और भय का संचार होता है ।

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उपसंहार (Epilogue)

आज स्वतन्त्रता का युग है। प्रत्येक मनुष्य आजादी चाहता है। प्रत्येक मनुष्य को लिखने और बोलने की आजादी है। समाचार पत्र उसी स्वतन्त्रता का पोषण करते हैं । प्रत्येक व्यक्ति समाचार पत्रों में अपने विचारों का प्रकाशन करा सकता है। इससे नवीन विचार को समाजव्यापी बनने का अवसर मिलता है। समाचार पत्रों को स्वतन्त्र होना चाहिए पर निरंकुश नहीं। जो समाचार पत्र जितना अधिक निष्पक्ष होगा, वह समाज का उतना ही अधिक उचित प्रतिनिधित्व कर सकेगा। निरंकुश शासकों की आलोचना कर समाचार पत्र उसकी निरंकुशता पर बन्धन लगाते हैं। यह समाचार पत्रों के पास एक बड़ी शक्ति है। समाचार पत्र किसी भी देश के सजग प्रही होते हैं। वे देश की हमेशा रक्षा करते हैं।