मैथिलीशरण गुप्त पर निबंध | Essay on Maithili Sharan Gupt

Essay on Maithili Sharan Guptमैथिलीशरण गुप्त पर निबंध

Essay on Maithili Sharan Gupt: मैंने हिन्दी के अनेक कवियों की रचनाएँ पढ़ी है। हिन्दी में एक से एक अच्छे कवि है। परन्तु मेरे प्रिय कवि (My favorite poet) है ‘राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त‘ (Maithili Sharan Gupt) । गुप्त जी ने भारत के अतीत का गौरवगान किया है। उनकी रचनाओं में उच्च आदर्श है। उनके काव्य में गांधीवादी विचारधारा (Gandhian ideology) के दर्शन होते हैं। खड़ी बोली को साहित्यिक (literary) काव्य भाषा का गौरव प्रदान करने वाले कवियों में गुप्त (Maithili Sharan Gupt) जी का प्रमुख स्थान है !

Essay on Maithili Sharan Gupt
मैथिलीशरण गुप्त का जन्म (Maithili Sharan Gupt’s Birth)

गुप्त जी का जन्म चिरगाँव जिला झाँसी में 1886 में हुआ था। इनके पिता श्री रामचरण दास परम रामभक्त तथा कवि थे। इस प्रकार रामभक्ति तथा कविता के संस्कार गुप्त जी को अपने पिताश्री से प्राप्त हुए थे। गुप्त जी की स्कूली शिक्षा बहुत कम हुई थी। आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी इनके काव्य गुरु थे। ये गांधी जी के पक्के अनुयायी थे।

Essay on Maithili Sharan Gupt
मैथिलीशरण गुप्त

सादा जीवन उच्च विचार मैथिलीशरण गुप्त का आदर्श (Simple life high thoughts the ideal of Maithili Sharan Gupt)

इनके राष्ट्र प्रेम के कारण इन्हें राज्य सभा का सदस्य मनोनीत किया गया था। आगरा विश्वविद्यालय ने इन्हे डॉक्टर की मानद उपाधि से सम्मानित किया था। गुप्त जी प्रदर्शन से दूर बहुत ही सीधे-सादे थे। सादा जीवन उच्च विचार उनका आदर्श था। गुप्त जी ने प्रबन्ध, मुक्तक, गीति काव्य सभी प्रकार की रचनाएँ की हैं। परन्तु मुख्य रूप में इन्होंने प्रबन्ध काव्य ही रचे। रंग में भंग, जयद्रथ वध, भारत-भारती इनकी प्रारम्भिक रचनाएँ हैं। कहते है ‘भारत-भारती’ को पढ़ने के लिए पाठकों ने उस समय हिन्दी सीखी थी। पंचवटी, गुरूकुल, साकेत, यशोधरा, द्वापर, सिद्धराज आदि गुप्त जी के अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य ग्रन्थ हैं।

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अपने काव्य में किया भारतीय संस्कृति का चित्रण (Depicted Indian culture in his poetry)

गुप्त जी के काव्य का मुख्य विषय भारतीय संस्कृति का गुणगान है। इन्होंने वैदिक काल से लेकर आज तक की भारतीय संस्कृति का चित्रण अपने काव्य में किया है। गुप्त जी ने अपनी रचनाओं में उपेक्षित पात्रों का चित्रण किया है। इन उपेक्षित पात्रों में प्रमुख है-उर्मिला और यशोधरा। साकेत में गुप्त जी ने उर्मिला के चरित्र की उदारता के साथ-साथ कैकेयी के चरित्र के उज्ज्वल पक्ष पर भी प्रकाश डाला है। यशोधरा गुप्त जी के ‘यशोधरा’ काव्य की नायिका है, जिसमें गौतम पत्नी यशोधरा की विरह व्यथा का चित्रण है।

Essay on Maithili Sharan Gupt
मैथिलीशरण गुप्त

गुप्त जी के काव्य को राष्ट्रकवि का गौरवपूर्ण स्थान (Gupt ji’s poetry gets pride of place as national poet)

गुप्त जी के काव्य में राष्ट्रीयता की भावना के कारण ही इन्हें राष्ट्रकवि का गौरवपूर्ण स्थान दिया गया। इनकी समस्त रचनाए राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत है। वर्तमान भारत की दयनीय दशा, अतीत का गौरवगान, भविष्य के प्रति आस्था, अहिंसा, ग्रामोद्धार, गांधीवादी विचार, उपेक्षित पात्रों के प्रति सहानुभूति, आदि गुप्त जी के काव्य के मुख्य स्वर है जिनके कारण ये आधुनिक युग के महाकवियों में स्थान पाते हैं तथा मेरे प्रिय कवि हैं।

FAQ

Q. मैथिलीशरण गुप्त का जन्म कब हुआ था?

Ans. मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 3 अगस्त 1886 को उत्तरप्रदेश के झांसी के पास चिरगांव नामक गांव में हुआ था।।

Q. मैथिलीशरण गुप्त की पढ़ाई अधूरी क्यों रह गई?

Ans. बचपन में खूलेकूद में ज्यादा ध्यान देने के कारण पढ़ाई अधूरी रह गई। जिसके बाद उन्होंने घर पर ही बंगला, हिंदी, संस्कृत साहित्य का अध्ययन किया।

Q. मैथिलीशरण गुप्त ने कविता लिखना शुरू कब किया था?

Ans. महज 12 साल की उम्र में मैथिलीशरण गुप्त ब्रजभाषा में कविता लिखना शुरु कर दिया था।

Q. मैथिलीशरण गुप्त का मार्गदर्शक कौन रहा था?

Ans. मैथिलीशरण गुप्त को मुंशी अजमेरी जी ने मार्गदर्शन किया।

Q. मैथिलीशरण गुप्त का पहला काव्य संग्रह कौन सा था?

Ans. मैथिलीशरण गुप्त की कविताएं मासिक ‘सरस्वती’ में प्रकाशित होना शुरु हो गई थी। जिसमें पहला काव्य संग्रह ‘रंग में भंग’ और बाद में ‘जयद्रथ वध’ प्रकाशित हुआ।